भारत में Maruti Suzuki की टर्नओवर डबल करने की तैयारी, जानें इसके लिए कंपनी के नए प्लांट्स में क्या होगा ख़ास

बुधवार को मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के एमडी और सीईओ हिसाशी टेकुची ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी की विकास रणनीति के मुताबिक़ वह अपने कारोबार को वित्त वर्ष 2012 के स्तर से 2030-31 तक दोगुना करना चाहती है. इसका मतलब है कि मारुति सुजुकी इंडिया के वैश्विक कारोबार को लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाना है.

टेकुची ने इस तरफ़ जोर देते हुए कहा है कि कंपनी (Maruti Suzuki) को उम्मीद है कि 2030-31 तक उन्हें 4.32 लाख करोड़ रुपये का वैश्विक कारोबार करने के लक्ष्य में सफलता हासिल होगी. वह इस उद्घाटन में बताए गए लक्ष्य के लिए भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी बताए गए हैं. टेकुची ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में मारुति सुजुकी इंडिया के 2.16 लाख करोड़ रुपये के कारोबार से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, जो कि पूरे कारोबार को दोगुना कर सकता है.

वित्त वर्ष 2030-31 में मारुति सुजुकी की भारत से संबंधित योजनाएं बड़े महत्वपूर्ण होंगी. बता दें कि हिसाशी टेकुची से जब पूछा गया कि क्या अपनी मूल कंपनी सुजुकी के तरह ही मारुति सुज़ुकी इंडिया भी अपना टर्नओवर बढ़ाना चाहती है तो इस पर हिसाशी ने स्पष्ट करते हुए इसका ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी इंडिया अपने टर्नओवर को दोगुना करने की प्लान बना रही है। इसके लिए प्रोडक्शन फैसिलिटी और मानव संसाधनों में निवेश करने की घोषणा की भी की गई है, ताकि कंपनी 2030 तक इन सभी चीज़ों को को संभालने के लिए तैयार हो सके। जानकारी के अनुसार मारुति सुजुकी इंडिया ने 2021-22 में 83,798 करोड़ रुपये की सेल दर्ज की थी।

ये भी पढ़ें: Harley-Davidson X 440 और Triumph Speed 400 में कौन है बेहतर, जानिए यहां

टेकुची ने बताया कि कंपनी अपने प्रीमियम एमपीवी वाहन “इनविक्टो” को लॉन्च कर रही है, जो कि 20 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाले वाहनों के बड़े सेगमेंट की लिस्ट आता है। यह लॉन्च कार निर्माता के प्रवेश का प्रतीक है। उन्होंने खुलासा नहीं किया कि टर्नओवर को दोगुना करने के लिए कितना निवेश किया जाएगा, लेकिन वित्त वर्ष 2030-31 तक सुजुकी के नियोजित निवेश के ज़रिए इसमें लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये नियोजित निवेश से आएगा।

टेकुची ने बताया कि वर्तमान में एसएमजी (सुजुकी मोटर गुजरात) के साथ उनकी उत्पादन क्षमता लगभग 2.2 मिलियन है, जबकि यह क्षमता 4 मिलियन से अधिक होनी चाहिए। इसके लिए तक़रीबन 2 मिलियन अतिरिक्त क्षमता की जरूरत होगी। इसके लिए आवश्यक निवेश नई तकनीक जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी के लिए की जाएगी।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के खरखौदा में कंपनी का नया निर्माणशील प्लांट तेजी से तैयार किया जा रहा है और हम 2025 तक पहले प्लांट को शुरू करने की योजना बना रहे है। जिसमें सालाना 2.5 लाख यूनिट की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता होगी।

Latest posts:-