Electric Vehicle:आपके लिए कितनी सही है इलेक्ट्रिक वाहन, घर लाने से पहले जान ले कमियां…

देखा जाये तो इंडियन मार्किट में इलेक्ट्रिक वाहन की डिमांड काफी तेजी से बढ़ती रही है। लोग पेट्रोल -डीजल की कारों से ईवी की ओर खरीदने की और तेजी से शिफ्ट होते जा रहे हैं। ये बात तो सभी जानते है की हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। वैसे ही ईवी के भी कुछ नुकसान हैं जैसे महंगी मरम्मत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि। चलिए आपको आज Electric Vehicle की पूरी जानकारी देते है।

चार्ज का समय
जहां गाड़ी में मिनटों में पेट्रोल -डीजल भर जाता है, वहां ईवी को चार्ज करने के लिए स्टॉप की जरूरत पड़ती है। इलेक्ट्रिक वाहन को तेज चार्ज होने के लिए भी फास् -चार्ज की जरूरत होती है। इसमें काफी समय भी लगता है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
आपको श्याद पता न हो, भारत और दुनियाभर में अधिकांश जगहों पर ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी अपने शुरुआती स्तर पर काम कर रहे है। इसको डेवलप करने में अभी कुछ समय और लग सकता है।

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किफायती लंबी दूरी ईवी मॉडल की भारी कमी
इंडियन मार्किट में सब्सिडी के बावजूद भी, अभी भी उस तरह के Electric Vehicle ऑप्शन की कमी है, जो पूरे चार्ज पर 500 किमी से अधिक की रेंज ग्राहक को दें सके। बहुत सी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 452 किमी रेंज के साथ भारत में सबसे सस्ता ईवी नेक्सॉन ईवी मैक्स मौजूद है, जिसकी कीमत 17.57 लाख रुपये एक्स-शोरूम आपको पड़ेगी।

ईवी बैटरी की कम आयु
किसी भी और बैटरी की तरह, जिसे आप अपने रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल करते हैं, के मुकाबले Electric Vehicle बैटरी की उम्र काफी कम होती है, क्योंकि इवी वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ज्यादा तापमान में EV बैटरियों की बैटरी लाइफ कम होने की संभावना अधिक रहती है।

Electric Vehicle की कीमत
अगर बात करे, पेट्रोल डीजल कारों की कीमत की तो ये सस्ती होती है और इनके मुकाबले ईवी वाहनों का रख-रखाव महंगा होता है, इससे कीमत भी बढ़ जाती है। दोनों की कीमत में काफी अंतर आप देख सकते है।

ईवी बैटरी
Electric Vehicle बैटरी में सबसे महंगा लिथियम -आयन बैटरी पैक आपको मिलता है। इसलिए, बैटरी पैक को ईवी में बदलना आपके लिए सबसे महंगा मरम्मत है, जब बैटरी अपने अंतिम दौर में होती है तक तो समस्या और भी बढ़ जाती है।

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