कार में भूल कर भी ना डाले ये Engine Oil, वरना फिर पछतावा के अलावा कुछ नहीं होगा

अक्सर हम इस दुविधा में फंस जाते हैं कि अपनी गाड़ी में कौन सा इंजन ऑयल डाला जाए जिससे हमारी गाड़ी को हर मुसीबत से बचा सकें। दरअसल इंजन ऑयल हमारी गाड़ी के लिए बेहद जरूरी होते हैं। लेकिन आजकल के जमाने में तो जब पानी भी मिनरल और नॉर्मल हो सकता है तो इंजन ऑयल में ऑप्शन न मिलें ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अब कई लोगों को लगता है कि मिनरल वॉटर पीना सेहत के लिए अच्छा है तो कुछ को लगता है कि मिनरल वॉटर पीने से शरीर खोखला हो जाता है और हमें नॉर्मल वॉटर ही पीना चाहिए। ऐसे ही गाड़ी के लिए भी सिंथेटिक इंजन ऑयल पसंद करना चाहिए या रेगुलर ऑयल, ये भी हमारे सामने एक चैलेंजिंग सवाल खड़ा हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि रेगुलर या सिंथेटिक कौन सा इंजन ऑयल आपकी गाड़ी के लिए सही है।

रेगुलर इंजन ऑयल

सामान्य मिनरल ऑयल सिंथेटिक इंजन ऑयल की तुलना में आपको मार्केट में सस्ता मिलता है। ये इंजन ऑयल का सबसे साधारण रूप होता है। रेगुलर इंजन ऑयल को बहुत कम एडिटिव्स वाले रिफाइंड कच्चे तेल से बनाकर तैयार किया जाता है। ये मार्केट में मिलने वाला सबसे सस्ता इंजन आयल है। इस इंजन ऑयल का VI कम होता है , मतलब बहुत लंबे ट्रैवल प्लान के लिए ये इंजन ऑयल अच्छा नहीं है। अगर आप अपनी गाड़ी का इस्तेमाल रोज की जरूरतों के लिए सिर्फ करना चाहते हैं तो ये तेल आपकी गाड़ी के लिए उचित होगा। ये तेल कम VI के कारण जल्दी जलता है इसीलिए बाकी ऑयल की अपेक्षा में इसे जल्दी रीफिल करना पड़ता है।

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सिंथेटिक इंजन ऑयल

सिंथेटिक ऑयल एक तरीके का लुब्रिकेंट होता है जो आर्टिफिशियल ढंग से केमिकल कंपाउंड से बनाया जाता है। ये कंपाउंट पेट्रोलियम परमाणुओं से बनाए जाते हैं। अगर आप सिंथेटिक इंजन इंजन ऑयल के बारे में ज्यादा जानने के लिए माइक्रोस्कोप से इसे देखें तो आपको एक बूंद सिंथेटिक ऑयल के अंदर करोड़ों परमाणु दिखाई पड़ेंगे। ये सारे परमाणु एक ही साइज के होते हैं। जबकि रेगुलर ऑयल रिफाइन किए गए कच्चे तेल से बनाए जाते हैं। लेकिन बात ये भी है कि इसमें भी कई सारे परमाणु होते हैं, मगर ये देखने में और शेप में अलग अलग तरीके के होते हैं।

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