जानें क्या अंतर होता है Hybrid और Mild Hybrid के बीच, किससे होगी आपकी ज्यादा सेविंग्स

पिछले कुछ समय में भारत में नई तकनीक वाली कारों की मांग काफी तेजी से बढ़ी और जिसके चलते वाहन निर्माता कंपनियों ने अपनी मौजूदा कार में नई तकनीक देने के साथ- साथ अपनी नई कारों को भी लेटेस्ट अपडेट के साथ मार्केट में उतारना शुरु कर दिया है। क्योंकि कारों में दी गई नई तकनीक के कारण आपको पहले से भी ज्यादा एवरेज आसानी से मिल जाता है। जिससे आपकी बचत भी ज्यादा हो जाती है। और इन्हीं तकनीकों में से एक है हाइब्रिड। अगर आपको नहीं बता कि ये हाइब्रिड तकनीक क्या होती है, तो चलिए आज के इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि हाइब्रिड और माइल्ड हाइब्रिड तकनीक होती क्या है। और कैसे इन तकनीकों के जरिए आपकी बचत होती है।

हाइब्रिड

सबसे पहले बात करते हैं हाइब्रिड की इसे सिर्फ हाइब्रिड ही नहीं बल्कि फुल हाइब्रिड और स्ट्रांग हाइब्रिड के नाम से भी लोगों द्वारा जाना जाता है। और इस तरह की तकनीक वाली गाड़ियों में फ्यूल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर एक साथ काम करने के अलावा, अलग- अलग भी इसमें काम करते हैं। और इन स्ट्रांग हाइब्रिड वाली कारों को कम स्पीड के साथ एक ई- कार की तरह भी आसानी से चलाया जा सकता है। लेकिन जब ऐसी कारों में जैसे ही आप स्पीड तेज करते हैं तो कार इलेक्ट्रिक की जगह वापस फ्यूल पर ही शिफ्ट हो जाती है।

ये भी पढ़े: Maruti Celerio LXI Base Model को ईज़ी फाइनेंस प्लान के तहत लाएं घर, जाने फीचर्स से लेकर माइलेज तक की कंप्लीट डिटेल

माइल्ड हाइब्रिड

अब अगर माइल्ड हाइब्रिड की बात की जाए तो हाइब्रिड कार की तरह ही इस तरह की कार में भी फ्यूल आधारित इंजन के साथ ही इलेक्ट्रिक मोटर आपको दी जाती है। और इस तरह की कारों में भी मोटर और इंजन साथ ही काम करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इसकी मोटर से गाड़ी को इलेक्ट्रिक कार की तरह आप नहीं चला सकते। क्योंकि ऐसी कारों में बैटरी केवल कार के इंजन को सपोर्ट करने के लिए ही लगी होती है। और इस तकनीक से कार का एवरेज भी ज्यादा नहीं बढ़ता है, लेकिन इससे आपको कार के पिकअप में सपोर्ट जरूर मिल जाता है।

क्या हैं माइल्ड हाइब्रिड के फायदे और नुकसान

अब अगर माइल्ड हाइब्रिड तकनीक वाली कारों के नुकसान और फायदों की बात की जाए तो बता दें कि माइल्ड हाइब्रिड तकनीक का केवल इतना ही फायदा होता है कि आपको इनसे कार चलाने का एक बेहतर अनुभव मिलता है। लेकिन इनकी कारों की मोटर इतनी अधिक ताकतवर नहीं होती है जिससे की किसी कार को एक इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरह चलाया जा सके। और इन कारों में इंजन मुख्य तौर पर फ्यूल से ही चलता है। और बता दें कि कम बजट वाली कारों में आपको माइल्ड हाइब्रिड तकनीक कंपनी द्वारा दी जाती है।

क्या है हाइब्रिड के फायदे और नुकसान

माइल्ड हाइब्रिड के फायदे और नुकसान जानने के बाद चलिए अब जान लेते हैं हाइब्रिड कार के फायदे और नुकसान के बारे में, हाइब्रिड कार में ज्यादा ताकतवर बैटरी और मोटर आपको मिलती है। जिसकी वजह से आप इस कार को कम स्पीड में एक ईवी की तरह चला सकते हैं। और इससे आपको फायदा ये होता है कि आपको पेट्रोल और डीजल वाली कार के मुकाबले ऐसी कारों से अधिक बेहतर एवरेज मिल जाता है। जिसकी वजह से कार की रेंज भी बढ़ जाती है। और साथ ही इन कारों में फ्यूल की खपत भी कम होती है। और ये प्रदूषण भी कम फैलाती हैं। लेकिन वहीं, हाइब्रिड कार के फायदे के साथ- साथ ही कुछ इसके नुकसान भी हैं। बता दें कि ऐसी कारों में इस तकनीक के लिए आपको बैटरी दी जाती है, और उस बैटरी की कीमत भी कार की टोटल कीमत में जोड़ी जाती है और इस वजह से ये कार महंगी हो जाती है।

LATEST POSTS:-