Scooter चलाने के ये फायदे देख शोरूम के अंदर-बाहर लगने वाली है भीड़?

धीरे-धीरे ही सही लेकिन स्कूटर्स की डिमांड बाइक मेकर्स को परेशान कर रही है। रोज के काम के लिए स्कूटर को बेहतर माना गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसके रख-रखाव में भी कम खर्च आता है और कभी-कभी ये माइलेज के मामले में बाइक से भी बेहतर होते हैं। अभी आपको स्कूटर होने के कुछ फायदे बताने वाले हैं, हालांकि बाइक्स की अपनी अलग पहचान है जिसे कोई भी कभी नहीं छीन सकता।

बाइक की तुलना में छोटे पहियों वाले स्कूटर के फायदे

भारत में बिकने वाले स्कूटर के पहिये आमतौर पर 12-13 इंच के होते हैं। छोटे पहिये सीटों और टायरों के लिए पर्याप्त जगह बनाते हैं। उस जगह का प्रयोग कंपनियां इंजन और ट्रांसमिशन लगाने के लिए करती हैं। छोटे व्हीलबेस के कारण सीट के नीचे स्टोरेज भी उपलब्ध है। जहां सभी लोग हेलमेट व अन्य सामान रखते हैं। छोटे पहियों के कारण स्कूटर का वजन कम होता है, बिजली की खपत कम होती है, जिससे माइलेज बेहतर होता है। पहिए छोटे होने के कारण चालक को आरामदायक यात्रा मिल सकती है। अगर पहिए का आकार बहुत बड़ा है तो आप स्कूटर चलाते समय आराम से खड़े नहीं हो पाएंगे।

स्कूटर के पहिए बाइक से छोटे होने के नुकसान

इसके न सिर्फ फायदे हैं बल्कि कई नुकसान भी हैं। पहला यह कि तेज गति से चलाने पर स्कूटी के पहिए कंट्रोल खो सकते हैं। स्कूटर के पहिये पथरीले इलाके के लिए सही नहीं होते हैं। किसी भी समय नियंत्रण खो सकते हैं। स्कूटर के पहियों की तुलना में बाइक के पहियों की पकड़ बेहतर होती है। जब स्कूटर को सीधी भगाया जाता है तो टायर्स की क्वालिटी ख़त्म होने लगती है। जिसका सीधा असर परफॉरमेंस पर पड़ता है।

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एक्सपर्ट जो बताते हैं उसके मुताबिक इंजन पावर के हिसाब से ज्यादा जगह और अच्छा माइलेज देने के लिए स्कूटी/स्कूटर के पहियों को छोटा रखा जाता है। आज ऐसे कई स्कूटर हैं जो माइलेज के मामले में बाइक्स को भी पछाड़ देते हैं। इन खूबियों की वजह से स्कूटर या स्कूटी की लोप्रियता बनी हुई है। आगे आने वाले दिनों में बाइक्स बनाने वाली कंपनियों को कुछ सोचना पड़ेगा।

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