रिलायंस ले कर आया प्रदूषण मुक्त बस, धुएं के बजाय पानी छोड़ेगी बस

भारत सहित विभिन्न देशों के राजनेताओं ने आने वाले दिनों में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न अग्रिम उपाय किए हैं। एक ओर जहां वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में बैटरी से चलने वाली कारों और मोटरसाइकिल की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं पेट्रोल-डीजल की जगह एथनॉल या हाइड्रोजन नाम का ईंधन उभर रहा हैं। धीरे-धीरे भारत में अगले डेढ़ से दो साल के भीतर 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) आ जायेगा। इस बीच, ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड सड़क पर पूरी तरह से कार्बन मुक्त हाइड्रोजन-संचालित इलेक्ट्रिक बस लॉन्च करने जा रही है। ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूहों में से एक रिलायंस के तकनीकी सहयोग से इसे भारत की सड़कों पर चलाएगी।

ओलेक्ट्रा-रिलायंस हाइड्रोजन बस

यह हाइड्रोजन बस वास्तव में पूरी तरह कार्बन मुक्त परिवहन प्रणाली होने वाली है। वर्तमान में घटते प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों और बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण ऐसी हाइड्रोजन चालित इलेक्ट्रिक बसें पूरे भारत के शहरों में चलाई जाएंगी। यह पहल 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में काफी मदद करेगी, जिसका वादा भारत सरकार ने किया है। संगठन के एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि उनका मुख्य उद्देश्य हमारे देश को पर्यावरण प्रदूषण से बचाना और पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली का निर्माण करना है।

हाइड्रोजन बस की सीट क्षमता

ओलेक्ट्रा की इस हाइड्रोजन बस के फर्श की लंबाई 12 मीटर है जो चालक सीट सहित 32-49 लोगों के बैठने के लिए उपयुक्त है। हाइड्रोजन से फुल चार्ज होने पर यह बस, हर बार 400 किमी तक का सफर तय कर सकती है, यानी यह दिल्ली से शिमला तक चल सकती है। कंपनी के शब्दों में, इतनी दूरी तय करने के लिए आवश्यक हाइड्रोजन को भरने में केवल 15 मिनट का समय लगेगा।

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लेकिन सबसे हैरानी की बात ये है कि इस पूरी सफर को पार करते समय बस के एग्जॉस्ट पाइप से सिर्फ जलवाष्प ही एनवायरनमेंट में उत्सर्जित होगी। इसलिए, भविष्य में अधिक से अधिक हरित हाइड्रोजन संचालित प्रौद्योगिकी वाहनों को पेश किया जाएगा, जो पुराने डीजल और पेट्रोल संचालित प्रणालियों को पूरी तरह से बदल देगा। बसों के ऊपर चार हाइड्रोजन सिलेंडर लगाए जाएंगे। इनमें माइनस 20 डिग्री से 85 डिग्री तक तापमान झेलने की क्षमता होती है।

आधिकारिक लॉन्च शेड्यूल

ओलेक्ट्रा अगले साल इन हाइड्रोजन-संचालित बसों का मैन्युफैक्चरिंग करने की योजना बना रही है। हालांकि हमारे देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस ने पिछले साल अगस्त में अपनी शुरुआत की थी।

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